One small story in Hindi

One small story in Hindi ईमानदार व्यपारीi

One small story in Hindi – एक समय की बात है एक गांव में एक व्यापारी रहा करता था जिसका नाम  बलवीर था और उसके साथ उसकी पत्नी भी रहा करती थी जिसका नाम उषा था वह दोनों बहुत ही ईमानदार और सुलझे हुआ इंसान थे जो अपना बिजनस और व्यापार बहुत ही अच्छे से और इमानदारी से चला रहे थे उस गांव में सब्जी और फल की कोई दूसरी दुकान नहीं थी

इसीलिए दूर दूर से और गांव के सारे लोग उसी के दुकान पर सब्जी और फल खरीदने आया करते थे उसकी दुकान पर सुबह और शाम इतना ज्यादा भीड़ लगता रहा करता था की उसको कहीं आने जाने में सोचना पड़ता था वह सुबह उठकर जाता था वह ताजी फल और सब्जियां लेकर आता तब तक उसकी पत्नी दुकान संभालती थी

वह जब ताजी और हरी सब्जियां लेकर आता था तब वह दोनों मिलकर दुकान संभालते थे फल और सब्जियां बेचा करते थे लोगों को उन दोनों पर इतना विश्वास था की वहां से फल और सब्जियां लेते समय वह देखते नही थे वैसे ही लेकर घर आ जाते थे उन दोनों के पास भगवान का दिया हुआ सब चीज था लेकिन एक दिन उषा के पति के मन में लालच आ गया और बोला कि हम दोनों दिन भर मेहनत करते हैं ताजी फल और सब्जियां बेचते हैं फिर भी हमें इतना ही धन मिलता है क्यों ना हम लोग कम लागत में अधिक धन कमाए उसकी पत्नी मना की  नहीं यह गलत होगा लोगो को हमपर इतना विश्वास है तो बलवीर ने बोला की इसी का तो फैदा उठाना है लेकिन उसका पत्नी ने नहीं मानी बोली नहीं लेकिन बलवीर ने बोला की तुम समझती नहीं हो हम दोनों सुबह से शाम तक इतना मेहनत करते हैं

फिर भी अधिक धन नहीं कमा पाते हैं अगर उसमे थोड़ा सा मिलावट कर देंगे तो पता भी नहीं चलेगा और अधिक धन भी कमा लेंगे लेकिन यह बात उसकी पत्नी को अच्छी नहीं लगी उसकी मना करने के बाद भी बलवीर नहीं माना और सब्जी और फलो में मिलावट करना शुरू कर दिया धीरे धीरे लोग फल और सब्जी खरीद कर लेकर जाते थे तो उस में सड़ा गला मिलने लगा तो उसकी दुकान पर आना कम कर दिए

और तरह-तरह की बातें बनाने लगे ऐसे करते – करते कुछ दिन बीता तो उसके दुकान पर लोगों का आना जाना बंद हो गया कोई फल सब्जियां खरीदने नहीं आता था और बलवीर की दुकान बंद होने की कगार पर आ गयी तब बलबीर को समझ में आया कि तुमने  माना किया था लेकिन मैंने नहीं माना अगर मान गया होता तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलता जैसे हम लोग पहले दुकान चला रहे थे

वैसे ही चला रहे होते और वैसे तो भगवान का दिया हुआ हम लोग के पास सब कुछ है फिर भी हम लोग अपने लालच की उसकी पत्नी बोली की  मैंने तो पहले ही मना किया था लेकिन आपने नहीं माना अगर आप मान गए होते तो आज हम लोग की दुकान पर वैसे ही भीड़ लगी होती जैसे पहले लगी रहती थी तो बलवीर ने बोला हा उषा तुम ठीक ही कह रही थी

Moral One small story in Hindi

तो बच्चों हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है की हमें कभी भी लालच नहीं करनी चाहिए लालच बुरी बला होती है हमें जितना मिलता है उतने में संतुष्ट रहना चाहिए क्योंकि भगवान हमें जो देते हैं अच्छा ही देते हैं

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