जादुई घंटी Hindi Kids Story
एक नदी के तट पर एक बहुत ही सुंदर गांव था गांव के लोग मेहनत मजदूरी कर कर अपना जीवन काट रहे होते हैं इस गांव में रामू नाम का एक गरीब चरवाहा था जो अपनी मधुर आवाज के लिए प्रसिद्ध था रामू रोज भेड़ बकरियों को गाना सुनाते-सुनाते चलाता था और उन्हें पास के जंगल में ले जाता वहां पर एक पर्वत था पर्वत की चोटी के ऊपर ही एक बहुत ही बड़ा विशाल पेड़ था रामू स्टैंड के नीचे गाना गाता और अपनी भेड़ बकरियों पर भी नजर रखता शाम होते ही अपने भेड़ बकरियों को लेकर अपने गांव आ जाता और सभी भेड़ बकरियों को अपने गांव वालों को सौंप देता दिन भर कड़ी धूप में भेड़ बकरियों को चराने के लिए उसे एक सिक्का मिलता यह सिक्का रामू घर ले जाता और अपने मां से और भाई से बोलता कि मुझे बहुत भूख लगी है और भाई और रामू दोनों एक साथ बैठकर खाना खाते हैं और छोटा भाई था वह खाने को देख कर कहता है क्या मां रोज रोटी चटनी तब मां बताती है बेटा रामू दिनभर मेहनत करके इतना ही
धन इकट्ठा कर पाता है जिसमें हमारी और आपकी गुजारे हो जाती उसके बाद रामू अपनी मां को आज की कमाई देता है और बोलता है मां मेरे छोटे भाई के लिए आज कुछ अच्छा सा बनाकर खिला देना और हर दिन की तरह राम आज फिर से भेड़ बकरियों को लेकर चराने के लिए निकलता है और पेड़ के नीचे बैठकर गाना गाता है और मिले हुए पैसे को लेकर अपने घर जाता एक दिन रामा भेड़ बकरियों को लेकर पर्वत आया तो देखा एक लकड़हारा पर्वत पर विशाल पेड़ को एक लकड़हारा काट रहा था यह देखकर रामू चिंता में पड़ गया रामू को उस पेड़ से लगाव हो गया था उसने सोचा कि उसे पेड़ को बचाना चाहिए तभी बोला सुनो भाई लकड़हारे और कहने लगा क्या तुम्हें इस पेड़ के शराब के बारे में नहीं पता और कहने लगा कि कई साल पहले एक ऋषि मुनि ने इस पेड़ को चुड़ैल का शराब दिया था इस पेड़ पर एक बड़ी चुड़ैल रहती है जो भी व्यक्ति उस पेड़ को छूता है वह उसकी जान ले लेती है इससे पहले कि वह चुड़ैल है
और तुम्हें मार दे तुम यहां से भाग जाओ लकड़हारे को गिरता रामू देख कर हंसने लगा तभी उस पेड़ की आत्मा प्रगट हुई और कहने लगा बहुत-बहुत धन्यवाद रामू तुमने मेरी जान बचाई तुम बहुत अच्छे इंसान हो मैं तुम्हें एक उपहार और जैसे ही उपहार मिला रामू देख कर बोला एक मामूली घंटी इससे मेरा क्या होगा तभी पेड़ बोला यह कोई मामूली घंटी नहीं है यह जादुई घंटी है इस घंटी के मदद से जो तुम खाना चाहो वह तुम्हें मिल जाएगा आता भी पेड़ को शुक्रिया बोलता है और कहता है कि इसके मतलब हमारा परिवार अब कभी भी भूखा नहीं सोएगा और पेड़ बोलता है तेरा मुंह इस घंटे का इस्तेमाल सिर्फ दिन में एक बार ही हो सकता है दोबारा मत करना जादू 1 घंटे लेकर राम और खुशी-खुशी घर आया और मां को वह घंटी दिखाया मां बोली यह क्या यह तो एक मामूली सी घंटी है इस घंटे का क्या करोगे भैया तभी अपने छोटे भाई चीनू को बोलता है यह कोई मामूली घंटी नहीं है यह जादुई घंटी है
इस घंटे की मदद से हम जो चाहे वह खाने मंगवा सकते हैं तभी छोटा भाई बोलता है सच में भैया तभी अपने छोटे भाई से पूछता है कि तुम्हें क्या चाहिए चीनू तभी उसका छोटा भाई बोलता है मुझे रोटी सब्जी पुलाव पनीर और सब्जी खाने जा और वह घंटी बजाते ही खाने चले जाते हैं यह देखकर मां बोलती है यह तो सच में जादू है फिर क्या रामू रोज खुशी-खुशी जाता है भेड़ बकरियों को चराने के लिए उसे खाने-पीने की चिंता तो थी नहीं एक दिन रामू को बहुत भूख लगी थी और वह घर आया और देखा कि चीनू ने पहले ही खाना मंगा लिया है और लगभग सब खत्म हो गया है उसने फिर से घंटी बजाई लेकिन कुछ भी नहीं मिला तब उससे वह बात याद आई जादुई घंटी दिन में सिर्फ एक बार इस्तेमाल हो सकती है
भूख और खाली बर्तन देखकर रामू को बहुत गुस्सा आया इसे वह घंटी भूख मिटाने के लिए मिले थे उस ने निर्णय किया कि कल से वह जब पर्वत जाएगा तो जादुई घंटी को लेकर जाएगा रामू अपने साथ एक जादुई घंटी ले गया और घर पर मां और चिन्नू दोनों घंटे खोज रहे थे उन्होंने सुबह से कुछ नहीं खाया उन्हें बहुत भूख लगी थी जब घंटी नहीं मिली तो मैं और और उसका छोटा भाई बैठकर रामू की राह देखने लगे शाम हो गई और रामू आ गया भैया बहुत भूख लगी है और जादुई घंटी भी नहीं मिल रही मां बोली क्या तुम इसे साथ अपने ले गए थे पर क्यों बेचारा सुबह से चिन्नू भूख के मारे तड़प रहा है क्या तुम सिर्फ अपना पेट भरना चाहते थे नहीं मैं ऐसी बात नहीं है भैया आपने ऐसा क्यों किया और चीनू रोने लगा तभी रामू बोला मुझे माफ कर दो मैं थोड़ा स्वार्थी हो गया था मैं दोबारा ऐसा कभी नहीं करूंगा मैं इससे हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी हमें स्वार्थी नहीं होना चाहिए अपने आप से पहले अपने परिवार के बारे में सोचना चाहिए धन्यवाद