अपने आप को पहचानो सब कुछ कर सकते हो तुम

अपने आप को पहचानो सब कुछ कर सकते हो तुम

अपने आप को पहचानो सब कुछ कर सकते हो तुम आज के जीवन में जैसे जैसे हम तरक्की करते जा रहे है एक नयी मुकाम हासिल करते जा रहे है उसी के साथ साथ हम अपने आप से काफी दूर होते जा रहे है हम से 95 प्रतिशत लोग ऐसे होंगे जिनसे अगर पूछा जाय की आप अपने आप को कितना समय देते है तो वो चुप हो जायेंगे उनके पास इसका कोई जबाब नही होगा अपने आप को पहचानो सब कुछ कर सकते हो तुम

तो फिर आप ही सोचिये जब हम अपने आप को समय ही नहीं देते और एक बात मै आप लोगो को साफ कर देना चाहता हु की आपने आप को समय देने का मतलब ये नहीं की आप सोचने लगे की मै तो फ्रेस होने में, नहाने में, सोने में आदि में समय देता तो हु तो यह गलत होगा

क्योकि अपने आप को समय देना मतलब अपने आप के बारे में जानने की कोशिश करना होता है अगर आप अपने आप को जानने की कोशिस करते है तो आप को समझ में आएगा की आप क्या क्या कर सकते हो और आपने क्या क्या किया है जब आप यह सोचने लगेंगे तो आप को यह समझ में आने लगेगा की मैंने अपने अबतक के अपने जीवन में कितना कठिन कठिन कार्य कर चूका हु

फिर आप को अपने आप पर विश्वाश होने लगेगा आप की कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ने लगेगा और आप को यह पता चलने लगेगा की मेरे अन्दर कितनी शक्तिया है और आप अपने आपसे तुलना करने लगेंगे की जब मै उस कार्य को कर सकता हु तो इस कार्य को भी कर सकता हु तो आइये दोस्तो हम कुछ टिप्स को देखते है और अपनी अन्दर की शक्ति को जगाते है

Stress management tips in hindi चिंता दूर करने की टिप्स

१- आज तक आप ने जो भी कार्य किया है उसमे से उस कार्य को छाटना है जो आप को कठिन लगता था जिसे आपने अब कर लिया है हो सकता है वह कार्य आपके लिए अभी बहुत आसान हो पर आप को उस समय के जैसे सोचना है जब आप को कठिन लगता था

जैसे- 1 – जब आप छोटे थे और आप चल नहीं पते थे – क्या लगता है आप को यह आसान था नही यह बहुत ही मुस्किल था विस्वास  नहीं हो रहा है कोई बात नहीं आप के अपने घर या पड़ोस में छोटे बच्चे मिल जायेंगे आप को कुछ नहीं करना है थोडा समय निकलना है और उस छोटे बच्चे को ध्यान से दो तिन दिनों तक अपनी निगरानी में रखना है जब आप उस छोटे बच्चे पर निगरानी रखने लगेंगे तो आप को पता चलेगे की वह बच्चा किस प्रकार चलना सीखता है चलो मै आप की थोड़ी और हेल्प कर देता हु मै अपने बच्चे के बारे में बताता  हु

मेरा बच्चा अभी 10 महीने का होने वाला है और उसने अपने कदम को बढ़ाना सुरु कर दिया है लेकिन सबसे खास बात यह है उसने अपने कदम को बढाने से पहले बैठना सिखा लगभग 15 या २० दिन लग गए होंगे उसको बैठना सिखने में वह हर दिन लगभग 100 से ज्यादा बार बैठने की कोसिस करता था और गिर जाता था ऐसा नही हुआ की उसने उससे परेसान होकर रोया नही ये बहुत बार हुआ जब वह बैठना चाहा और जब वह गिर जाता तो फिर रोने लगता  अपने आप को पहचानो सब कुछ कर सकते हो तुम

लेकिन मजे की बात ये है की कुछ देर बाद फिर वह दुबारा कोसिस करने लगता और काफी कोसिस के बाद वह बैठने लगा मै आप को एक मजे की बात बताऊ अगर आप या हम होते तो सायद पहले दिन ही 5 या 10 बार कोसिस करने के हर मान लेते लेकिन वह हार नहीं माना क्यों की उसको कोई ये नही कहने वाला नही था की तुम इसे नहीं कर सकते बल्कि सब उसके अगल बगल होते थे और सब चिल्लाते थे और कहते थे की उठो – उठो

लेकिन मै आप को एक और बात बता दू की 10 महीने के बच्चे को इतना कुछ ज्यादा समझ में नहीं आता है की आप कहेंगे की उठो तो वह उठ जायेगा लेकिन एक बात है की जब हम सभी लोग चिल्लाते थे तो वह और कोसिस करता था उसे लगता था जैसे की मनो सब लोग उसकी तारीफ कर रहे हो और वह कोसिस करता रहा और चलने लगा मै यहाँ आप लोगो के बिच एक कहानी शेयर करना चाहता हु जो की अपने सुनी होगी

एक बार एक गाव में एक किसान रहता था उसकी बहुत सारी भैसे और गायें थी  वह प्रतिदिन दूध निकालता और कुछ दूध को ऐसे ही बेच देता और कुछ दूध का दही बनाता और फिर उसे बेचता था

उसी किसान के घर में बहुत सारे चूहों का झुण्ड रहता था जब रात हो जाती तो सारे चूहे हुरदंग मचाना सुरु कर देते थे एक दिन सभी चूहे घर में इधर उधर कूद रहे थे तभी उनमे से दो चूहे दूध में गिर गए और जैसा की मैंने आप लोगो को बताया की उस किसान के पास बहुत सारी भैसे और गायें थी तो उसका जो  दूध का जो बर्तन था वह भी काफी बड़ा था, जब सारे चूहों ने देखा की तो वह चिल्लाने लगे और कहने लगे की अब यह दोनों मर जायेंगे क्योकि इतने बड़े बर्तन से निकल पाना मुस्किल है

लेकिन दोनों कोसिस करते रहे और बाकि चूहे चिल्लाते रहे की बेकार की कोसिस मत करो और अपने जीवन के आखरी समय में शांति से मरो और कुछ देर बाद उन दोनों में से एक चूहे की मौत हो गयी लेकिन दूसरा कोसिस करता रहा और हाथ पैर चलाता रहा धिरे – धीरे उसके हाथ पैर चलने की वजह से दूध से घी निकने लगा और वह घी गोला होने लगा और वह कोसिस करता रहा और घी का गोला बड़ा होता गया और अंततः वह बाहर निकल गया    अपने आप को पहचानो सब कुछ कर सकते हो तुम

अब क्या आप को पता है की पहला चूहा क्यों मर गया और दूसरा चूहा क्यों जिन्दा बाहर निकल गया मै आप लोगो को बताता हु

जो पहला चूहा था वह कोसिस करते समय उन सभी चूहों के बातो पर ज्यादा धयान दे रहा था जो लोगो यह कह कर चिल्ला रहे थे की तुम लोग नहीं कर सकते कोसिस करना बेकार है और अंत में वह हार मान गया और उसकी मौत हो गयी अपने आप को पहचानो सब कुछ कर सकते हो तुम

लेकिन जो दूसरा चूहा था वह बहरा था उसे कुछ सुनाई नहीं देता था जब लोग चिल्ला रहे थे की कोसिस करना बेकार है तो वह यह समझ रहा था लोग बोल रहे है की कोसिस करो और कोसिस करो जिससे की वह कोसिस करता रहा और उसकी जान बच गयी

तो दोस्तों आप को ऐसा नही लगता की जब बच्चे छोटे होते है तो वह हमारी बातो को समझ नहीं पाते चाहे हम प्रोत्साहित कर रहे हो या हतोत्साहित कर रहे हो लेकिन वह दोनों ही स्तिथी में वह ध्यान न देते हुए अपने लक्ष्य की और बढ़ते जाते है बिलकुल उस बहरे चूहे की तरह

नोट – अगर आप को अपनी जिंदगी में कोई मुकाम हासिल करना है सफल होना है तो दूसरो की बातो पर ध्यान न दे और निरंतर कोसिस करते रहे

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