Hindi story in Hindi language चलाक कछुआ
Hindi story in Hindi language – एक बार एक कछुआ एक घने जंगल के किनारे एक नदी में रहता था वह प्रतिदिन धूप सेकने के लिए और इधर उधर घूमने के लिए नदी के किनारे आया करता था और धूप और हरी-भरी नजारों का लुत्फ उठाया करता था एक दिन जब वह नदी से बाहर आकर के धूप सेक रहा था कि तभी वहां पर एक बैल दौड़ा दौड़ा आया जिसके पैरों से कछुए को ठोकर लग गई और कछुआ उल्टा हो गया
कछुआ काफी कोशिश कर रहा था लेकिन वह सीधा नहीं हो पा रहा था और अंत में कोशिश करते करते वह थक कर रुक गया तभी वहां पर एक भूखी लोमड़ी आ पहुंची उसने कछुए को देखा तो वह बहुत खुश हुई वह कछुए के पास गई और बोली कि आज मैं तुम्हें खा जाऊंगी लेकिन धूप इतना ज्यादा हुआ था कि कछुआ का पेट बहुत ही ज्यादा गरम हो गया था उल्टा होने की वजह से जब लोमड़ी ने अपने जीभ से कछुए का पेट चाटा तो उसका जीव जलने लगा
तभी कछुए को एक तरकीब सूझी वह बोला अरे लोमड़ी बहन इतना परेशान क्यों हो वैसे भी मुझे जीना नहीं है मैं अपनी जिंदगी से उब गया हूं मैं चाह रहा था कि कोई मुझे खा ले और मैं आराम से यह दुनिया छोड़कर जा सकूं और अच्छा हुआ कि तुम चली आई इस बात को सुनकर लोमड़ी बहुत खुश हुई और उसने कहा अच्छा तो ठीक है तो मैं तुम्हें छांव में ले जाकर के ठंडा करके फिर खाऊंगी लोमड़ी की इस बात को सुनकर कछुए ने बोला अगर तुम छांव में ले जाकर मुझे रखोगे तो ज्यादा समय लगेगा मुझे ठंडा होने में और जैसा कि मैं तुम्हें देख पा रहा हूं तुम बहुत ही भूखी लग रही हो
लोमड़ी ने जवाब दिया हां यह बात तो तुम कछुए भाई बिल्कुल सही कह रहे हो तो फिर क्या करें फिर कछुए ने बोला ऐसा करो तुम मुझे धक्का मार कर के पानी के किनारे कर दो वहां पानी में मैं जल्दी ठंडा हो जाऊंगा और उसके बाद तुम मुझे आराम से खा लेना लोमड़ी कछुए को धक्का मार कर के नदी किनारे पानी में कर दी कछुआ पानी में जाते ही तैर कर पानी के अंदर चला गया और अंदर जाकर हंसने लगा
लोमड़ी समझ गई कि कछुए ने उसे बेवकूफ बना दिया है और वह अपने इस मूर्खता पर अपना सर पटकने लगी
इसलिए कहते हैं ज्यादा ओवर स्मार्ट नहीं बनना चाहिए क्योंकि कई बार ज्यादा स्मार्ट बनने वाला व्यक्ति बहुत बुरी तरह से धोखा खा जाता है