Hindi moral stories with pictures pdf

Hindi moral stories with pictures pdf श्रापित सिक्का

Hindi moral stories with pictures pdf – एक समय की बात है चमनपुर नाम का एक गांव था उस गांव में बहुत ही अमीर व्यापारी रहा करता था उसका सोना चांदी हीरे का बिजनेस था जो बहुत ही जोर शोर से चल रहा था लेकिन उस व्यापारी के मन में एक डर सा था कि कहीं मेरा सोना चांदी और पैसा चोर चोरी करके लेकर भाग ना जाए इसका डर उसके मन में बैठ गया था

वह कभी अपने तिजोरी के सामने और कभी अपने गहनों के सामने बैठा रहता था रातों-रात सोता नहीं था एक दिन वह अपना पैसा लेकर अपने गांव लौट रहा था कि रास्ते में उसे कुछ आदमी दिखे उसने सोचा यह सब लोग चोर हैं लेकिन वह लोग कुछ नहीं किये फिर वह आगे बढ़ता गया कुछ दूर गया तो उसके कंधे पर एक आदमी ने हाथ रखा और वह व्यापारी डर गया और वह जोर जोर से चिल्लाया चोर चोर तो फिर वह आदमी ने बोला मैं कोई चोर नहीं हूं मैं तुम्हारा धन चुरा कर नहीं लेकर जाऊंगा

मैं एक साधु महात्मा हु फिर वह व्यापारी पीछे मुड़कर देखा तो बोला अरे माफ कर दीजिए साधु महात्मा जी मुझे लगा कि कोई चोर है मेरा धन चुराने आया है साधु ने पूछा तुम्हें ऐसा क्यों लगा कि कोई चोर है तुम्हारा धन चुरा कर ले जाएगा तो व्यपारी ने बोला साधु महात्मा जी मैं क्या बताऊं मुझे हर वक्त यही डर लगा रहता है कि कहीं कोई चोर मेरा पैसा और सोने चुरा न ले जाये

साधु ने बोला सुनो व्यापारी तुम डरो मत यह चांदी का सिक्का लो और अपनी तिजोरी में ले जाकर डाल देना इससे तुम्हारा धन चोरी नहीं होगा व्यापारी ने चांदी का सिक्का ले लिया और ले जाकर अपनी तिजोरी में डाल दिया अपने पैसों के साथ और उसके बाद आराम से सोने लगा एक दिन उसके घर में एक चोर आया और तिजोरी खोलकर उसका सारा पैसा चांदी के सिक्के के साथ उठाकर लेकर चला गया और अगले सुबह जब व्यापारी उठा तो देखा कि उसका तिजोरी टूटा हुआ है

अतः वह जोर जोर से रोने लगा और बोला वह कोई साधु महात्मा नहीं है वह चोर है उसी ने मेरा पैसा चुराया है उसने बोला था कि चांदी के सिक्का रखोगे तो तुम्हारा धन कभी चोरी नहीं होगा वह व्यापारी उस ढोंगी साधु को ढूंढने के लिए निकल गया वह गांव – गांव जाकर ढोंगी साधु को ढूंढा लेकिन वह साधु कहीं नहीं मिला

फिर वह ऐसे चलते चलते एक बगीचे में जा पहुंचा उसे एक आदमी मिला उसने उस आदमी से पूछा क्या तुम ढोंगी साधु को देखे हो वह आदमी बोला नहीं मैं किसी ढोंगी साधु को नहीं देखा हूं लेकिन हां इस बगीचे में एक कुटिया है उसमें एक बहुत ही ज्ञानी साधु रहता है उसको दिखाओ जाकर उससे मिल लो शायद तुम्हारी कोई मदद हो जाए वह व्यापारी उस कुटिया के पास गया तो देखा की यह कोई और साधु नहीं है यह तो वही ढोंगी साधु है और उस साधु को जाकर उल्टा सीधा बोला और कहा तुम्ही ने मेरा पैसा चुराया है

साधु बोला कि मैंने कोई तुम्हारा धन नहीं चुराया व्यपारी ने कहा तुमने नहीं चुराया तो किसने चुराया तुमने तो कहा था चांदी के सिक्का रख लो तुम्हारी तिजोरी चोरी नहीं होगी लेकिन मेरा धन तो चोरी हो गया साधु ने बोला देखो वह कोई आम चांदी का सिक्का नहीं था वह एक पंण्डित का शापित सिक्का था तो व्यापारी ने बोला तुम क्या बोल रहे हो

साधु ने बताया कि वह कोई आम आदमी नहीं था वह एक डाकू था साधु ने बोला कहीं मेरा धन लेकर भाग गया होता तो  उसने बोला यह तुम्हारा धन लेकर नहीं भागता एक शराप दीया हुआ आदमी है वह पहले बहुत बड़ा डाकू था उसने एक दिन मंदिर में चोरी की पूरा मंदिर की मूर्ति और सरा मूर्ति का गहना उठाकर लेकर भाग रहा था तब तक उसको मंदिर का पंडित ने देखा और उसे सराप दिया जाओ तुम चांदी के सिक्के बन जाओ और जब तक कोई लालची आदमी उस सीके को चुराकर नहीं ले जाएगा तब तक तुम्हारा श्राफ खत्म नही होगा

उस दिन से यह डाकू चांदी का सिक्का बनकर मेरे पास रह रहा करता था इसीलिए मैंने यह चांदी का सिक्का तुम्हें दिया कि अगर यह सिक्का तुम्हारे तिजोरी में रहेगा तो तुम्हारे धन का रक्षा करेगा और कोई चोर चुरा कर लेकर जाएगा तो इसका सराफ मुक्त हो जाएगा और इमानदार होकर वापस आएगा लो वापस तुम्हारे धन के साथ वापस आ गया और ब्यपारी ने अपना धन का पोटली लिया और अपने घर चला आया  

Moral of Hindi moral stories with pictures pdf – इस कहानी से यह  शिक्षा मिलती है कि हमें किसी पर शक नहीं करना चाहिए और हमें उस पर विश्वास करना चाहिए शक के बहाने किसी को भला बुरा नहीं कहना चाहिए क्योंकि कभी-कभी सही काम भी शक के दायरे में हो जाता है तो हमें समझदारी से काम लेना चाहिए

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