Sher Aur Gidar hindi kahani for kids

Sher Aur Gidar hindi kahani for kids

बहुत समय की बात है एक जंगल में शेर और शेरनी का जोड़ा रहता था और भाई एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा प्रेम करते थे शेर शिकार करके लाता और शेर और शेरनी दोनों मिल बांट कर खाते एक दिन शेर जंगल में निकला शिकार के लिए उसे कुछ भी नहीं मिला जब वह वापस आ रहा था तो रास्ते में एक गीदड़ का बच्चा नजर आया उसे देखकर शेर ने कहा कितना प्यारा बच्चा है इसे मारना ठीक नहीं होगा इसे घर ले जाता हूं Sher Aur Gidar hindi kahani for kids

और शेर उसे अपने पंजों में दबाकर जिंदा ही अपने घर ले जाता है घर आकर शेरनी से शेर कहता है मैं शिकार के लिए आई निकला मगर शिकार कुछ नहीं मिला और आते समय यह गीदड़ का बच्चा मिला है मैं इसे नहीं मार सकता मुझे बहुत दया आ रही है तुम अगर जो इसे मारकर खाना चाहती हो तो खा सकती हो जब आपने बच्चा समझ कर छोड़ दिया शेरनी बोलिए तो मैं भला क्यों इसे खाऊं मैं अपने दोनों बच्चों की तरह ही इसको भी प्यार से पा लूंगी गीदड़ शेर के पास उनके बच्चों की तरह ही बड़ा होने लगा शेर और शेरनी की तरफ से गीदड़ के बच्चे को खूब प्यार मिलने लगा 1 दिन की बात है Sher Aur Gidar hindi kahani for kids

शेर के बच्चे और गीदड़ का बच्चा तीनों को शिकार पर जाना पड़ा कुछ दूर पर हाथियों का झुंड नजर आया हाथी का झुंड देखकर उसने अपने भाइयों से कहा यह हाथी तुमसे बहुत ही ताकत वर्क है हमें इन से नहीं लड़ना चाहिए यह हमें चोट भी पहुंचा सकते हैं इनकी ताकत का अंदाजा लगाना बहुत ही कठिन है ऊपर से हम बच्चे भी हैं यह बड़े हैं हमें यहां से चलना चाहिए यह बात सुनकर शेर के दोनों बच्चे जोर-जोर से हंसने लगे फिर वह कहते हैं Sher Aur Gidar hindi kahani for kids

तुम तो शुरु से ही डरपोक हो और तुम्हें तो डरना ही चाहिए लेकिन हम नहीं डरते इनसे शेरनी के बच्चे मजाक उड़ा रहे थे किधर को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उन्हें कुछ नहीं कर सकता था फिर भी लेकिन उन्हें कहता है मैंने बिल्कुल ठीक कहा है वह हाथी बहुत ही ताकत वर्क है हम उन्हें छोड़ेंगे वह हमें मार भी सकते हैं तभी शेरनी का एक बच्चा बोलता है डरपोक डर गया डरपोक डर गया यह कह कर उसका रास्ते भर मजाक उड़ाते हुए अपने घर आए तब शेरनी से गीदड़ का बच्चा कहने लगा मां यह पूरे रास्ते मुझे परेशान किए हैं शेरनी बोलती है

यह तुम्हारे बड़े तुम इनके बड़े भाई हो तुम्हें इनका गलती को माफ करना होगा क्योंकि बड़े के नाते यह तुम्हारा फर्ज बनता है यह बात से गीदड़ का बच्चा संतुष्ट नहीं होता है और वह गुस्सा करने लगता है दोनों शेर के बच्चों पर तभी उसके मां को भी गुस्सा आता है लेकिन वह फिर भी मुस्कुराते हुए कहती है कि देखो तुम जो हो एक गीदड़ का बच्चा हो और तुम्हारी प्रजातियों में हाथी को देखकर डरना होता है लेकिन हमारी प्रजातियों में हाथियों को देखकर डरना नहीं होता है यह बात सुनकर गीदड़ का बच्चा बोला तो फिर मुझे पहले क्यों नहीं बताया गया कि मैं एक गीदड़ हूं तभी शेरनी बोली मैं जैसे अपने बच्चों का परवरिश की हूं

वैसे तुम्हारा भी परवरिश की हूं और कोई कमियां नहीं छोड़ी है हमने अगर जो सोचो कि मेरे बेटे को यह पता चल जाएगी तुम गीदड़ के बच्चे हो तो तुम्हें अभी मार खा जाएंगे इसीलिए भलाई तुम्हारी इसी में है कि यहां से भाग जाओ और यह बात सुनकर गीदड़ का बच्चा वहां से भागने लगा भागते-भागते अपने भीड़ में शामिल हो गया तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी कोई कितना भी कुछ कर ले लेकिन अपनी प्रजातियों का बदलाव नहीं कर सकता धन्यवाद

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