hiran ki chalaki in hindi story
एक जंगल में एक हिरण रहते थे जो बहुत ही चालाक थी उसी जंगल के एक तालाब में एक मगरमच्छ भी रहता था वह मगरमच्छ तालाब में कोई भी जानवर पानी पीने आता तो वह उसे खा जाता था एक दिन अचानक हिरण वहां पहुंची हिरण ने तालाब में देखा तो कोई हलचल नहीं था हिरण सोचा ऐसा कैसे हो सकता है hiran ki chalaki in hindi story
इसमें ना ही कोई जानवर है ना ही कोई मेंढक है इतना शांत तालाब कैसे हो सकता है तभी उसने सोचा क्यों ना इसमें मैं अपना पैर डालकर देखो कहीं पानी गरम तो नहीं है यह सोच कर हिरण ने तालाब में एक लकड़ी फेंकी और मगरमच्छ उसे झपट्टा मारकर पकड़ लिया हिरन हंसने लगी और मगरमच्छ से बोलिए मैं तुम्हारे हाथ नहीं आने वाली हूं hiran ki chalaki in hindi story
तार और लकड़ी में तुम्हें फर्क ही नजर नहीं आता है तभी मगरमच्छ कहता है एक ना एक दिन मैं तो तुम्हें खाऊंगा ही हिरण वहां से हंसते हुए चली जाती है तभी अचानक अगले दिन जब हिरन वहां आती है तो मगरमच्छ से कहती है अरे तुम कहां हो मेरे डर से छुप गए क्या तभी देखती है किनारे में एक पत्थर रखा हुआ रहता है हिरण को शक होता है hiran ki chalaki in hindi story
हिरण सोचने लगती है यह तालाब के किनारे पत्थर कहां से आया कल तो नहीं था कहीं यह मगरमच्छ तो नहीं है अगर जो पत्थर होगा तो यह मेरे बातों का जवाब देगा ही तभी हिरण ने कहा क्या तुम पत्थर हो मगर मत सोचा मैं अगर जो जवाब नहीं दूंगा तो यह समझे कि मगरमच्छ है तो बोला मगरमच्छ हां मैं पत्थर हूं
तभी हिरन हंसने लगी बोले अरे पत्थर थोड़ी बोलता है तभी मगरमच्छ बोला तुम्हें एक न एक दिन तो मैं खा लूंगा ही तभी हिरन बोलिए तुम मगरमच्छ मुझे समझ क्यों नहीं लेते मैं बहुत ही चला हूं मगरमच्छ बोला जब तुम इतनी चालाक हो तो किसान के खेत में सब्जियां खाने क्यों नहीं जाती हो तभी हिरण ने कहा ठीक है मैं अगले दिन किसान के खेत में सब्जियां खाकर आ कर बताती हूं
अगले दिन ही किसान के खेत में चला गया सब्जियां खाने वहां सब्जियां खा ही रहा था कि अचानक उसके पैर एक जाल में फंस गया हिरण सोचने लगी अब मैं करूं तो करूं क्या तभी अचानक उसने किसान को आते हुए देखा उसने नाटक कर लिया मरने का किसान वहां जब आया तो देखा हिरण मर चुकी थी तभी किसान सोचा हिरण तो मर चुकी है
इसको भी जंगल में ले जाकर छोड़ देता हूं किसान हिरण को अपने कंधे पर लादकर जंगल में लेकर चला गया उसे जैसे ही जमीन पर उतारा हिरण वहां से भाग निकले हिरण को अब अपने समझदारी पर घमंड होने लगा था अगले दिन हिरन फिर से किसान के खेत में चली गई उसने देखा खेत में एक पुतला खड़ा हुआ था हिरण सोची
यह किसान भी कितना मूर्ख होते हैं भला इस पुतले से कौन डरेगा हिरण ने पुतले को लात मारी तभी पुतले में लगे हुए गोंद से उसका पैर चिपक गया और किसान उसे पकड़कर एक पिंजरे में बंद कर दिया हिरण आप सोच में पड़ गई मैं यहां से बाहर कैसे निकले तभी अचानक वहां से किसान का कुत्ता निकल रहा था
कुत्ते ने हिरण से कहा आखिर में आज मेरे मालिक तुम्हें पकड़ ही लिए तभी हिरण ने कहा अरे पकड़े थोड़ी हैं आज शाम को पार्टी है उस पार्टी में मुझे स्पेशल गेस्ट के तौर पर बुलाया गया है कुत्ते ने कहा आज तक मैंने इतना वफादारी किया मुझे कभी स्पेशल नहीं बनाया गया तभी हिरण ने कहा कोई बात नहीं
तुम मेरे जगह पर आ जाओ कुत्ते ने कहा तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा हिरण ने कहा बिल्कुल नहीं कुत्ते ने पिजड़े का दरवाजा खोल दिया हिरण वहां से भाग गई जब किसान आजा पिंजरे में कुत्ते को देखा तब किसान कुत्ते को बहुत डांटा इस बार तो समझदारी हिरण की काम कर गए थे लेकिन उसे मुश्किल में भी डाल दिया था धन्यवाद