A Sad Story in Hindi
मूर्ख गधा एक बार की बात है एक गांव में एक गधा रहता था जो बहुत ही शरारती था वह अपना काम ठीक से कभी नहीं करता था उसका मालिक बहुत परेशान रहता था
एक दिन गधा नमक की बोरी याद कर अपने ऊपर ले जा रहा था परंतु गधा बहुत आलसी था वह जगह जगह बैठ जा रहा था परंतु मालिक जो था वह बहुत दयालु था
उस गधे पर कभी प्रेशर नहीं देता मालिक अपने सर पर नमक की बॉडी उठा लिया और ले कर जाने लगा गधा सोचा मैं रोज ऐसा कर दूंगा तो मुझे वजन नहीं उठाना पड़ेगा
और यह सोचकर गधा रोज ऐसे ही करता परंतु मालिक भी बहुत चला था परंतु चला के साथ-साथ दयालु भी था इसीलिए गधे को मारता भी नहीं और गधा इस चीज का नाजायज फायदा उठाता
इसी तरह काफी दिन गुजर जाता है मालिक बहुत गरीब हो जाता है और उसे गधे को भी कुछ खिलाने के लिए उसके पास नहीं रहता है यहां तक गधे के मालिक को भी खाना खाने के लिए दूसरे के घर जाना पड़ता था
मजदूरी करनी पड़ती थी मालिक ने निर्णय किया कि मैं इस गधे को बेच दूंगा क्योंकि मैं तो भूखा रहता ही हूं बेचारे इस बेजुबा जानवर को भी क्यों भूखा रखो और यह सोचकर अगले दिन मालिक ने अपना गधा बेच दिया अब वह मालिक ना तो दयालु था
और ना ही उस पर दया करता था सारा दिन काम कराता टाइम से खाना भी नहीं देता तब गधे को पुराने मालिक की याद आती है और वह सोचने लगता है
कि मेरे मालिक कितने अच्छे थे जो मुझसे कभी काम नहीं करा देते बल्कि मैं नाटक भी करता तो वह खुद से अपना काम कर लेते हैं दोस्तों यह गधे और मालिक की कहानी नहीं है
बल्कि यह हमारी जीवन की कहानी है हमारे माता पिता हमें सारा जिंदगी पोस्ट पालकर बड़ा करते हैं बल्कि हमारे काम भी खुद कर लेते हैं हम पर कोई आंच भी नहीं आने देते हैं
और हम इतने खुदगर्ज निकल जाते हैं कि अपने माता पिता को ही छोड़ देते हैं तो कैसी लगी है कहानी दोस्तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद