birbal story in hindi एक शेर मॉस
आगरा शहर में दो महाजन रहते थे उसमें से एक का नाम नेकीराम था वह सीधा साधा एक शरीफ आदमी था जो कभी अपने ग्राहकों से बेमानी नहीं करता था और ना ही उनसे ज्यादा ब्याज देता था और कभी किसी की मेहनत करने से पीछे नहीं हटता था दूसरे के नाम धनीराम था वह एक लालची आदमी था जो हर समय अपने ग्राहकों से बेईमानी करने के लिए ही सोचता था birbal story in hindi | एक शेर मॉस
और साथ में ब्याज भी बहुत ज्यादा मांगता था धनीराम का ज्यादातर ग्राहक अपने छोटे उधार को चुकाने में ही ज्यादा समय लगा देते थे तभी एक दिन नेकीराम के दोस्त उनके घर पर आ पहुंचे और नेकी राम से कहने लगे दोस्त मुझे 500 सोने की सिक्के चाहिए मुझे एक बिजनेस करना है birbal story in hindi | एक शेर मॉस
नेकी राम बोले काश मैं तुम्हारी मदद कर सकता शाम तक कुछ ग्राहक मेरे मेरे उधर को चुकाने वाले हैं तुम्हें शाम तक 500 सोने के सिक्के मिल जाएंगे और शाम हो गया ऑफिस से नेकीराम के दोस्त ने की राम के पास चले गए वहां जाने के बाद नेकी राम ने सिर्फ 300 सीटों का ही बंदोबस्त कर पाए थे birbal story in hindi | एक शेर मॉस
अपने दोस्त से कहने लगे यह 300 सिक्के रखो बाकी के सिक्के मैं तुम्हें इंतजाम करके दे दूंगा तभी उनके मित्र बोले मेरा सब चीज दाव पर लगा हुआ है अगर जो मुझे 500 सिक्के नहीं मिले तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा तभी नेकीराम कुछ सोचने लगे और कहने लगे धनीराम मेरे बगल में ही रहते हैं वह भी एक महाजन है मैं तुम्हारे लिए उससे पैसे उधार ले लेता हूं
और इस तरह नेकीराम धनीराम के पास चले गए और वहां जाकर धनीराम से सारी बातें बताइए धनीराम ने कहा ठीक है मैं तुम्हें 200 सोने के सिक्के देने के लिए तैयार हूं इसके बदले तुम्हें ब्याज में 50 सिक्के सोने के देने होंगे और अगर जो नहीं लौटा पाए तो अपने शरीर से एक शेर मॉस देना पड़ेगा नेकी राम ने कहा ठीक है जब तुम्हारी यही शर्त है
तो मुझे मंजूर है मेरा दोस्त इस समय मुसीबत में है उसे चाहिए और मेरा दोस्त मुझे धोखा कभी नहीं देगा यह कह कर सोने के सिक्के लेकर अपने मित्र को दे दिया और देते समय वह सारी बातें बताइए मित्र ने कहा ठीक है मैं 6 महीने के अंदर ही है इन पैसों को वापस लौटा दूंगा और तुम्हारा बहुत बड़ा एहसान है हमारे ऊपर यह कहकर सोने के सिक्के लेकर चला गया और 6 महीने पूरे हो गए धनीराम नेकीराम के पास पहुंचे और धनीराम कहने लगे मेरे पैसे कहां हैं तभी नेकी राम ने कहा मैं खुद कमल का इंतजार कर रहा हूं
अपने दोस्त का अभी तक वह खुद नहीं आया लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि वह मुझे निराश नहीं करेगा वह जरूर आएगा सूरज ढलने से पहले मैं आपका पैसा वापस कर दूंगा तभी धनीराम ने कहा याद है ना अगर जो सूरज ढलने से पहले मेरे पैसे वापस नहीं किए तो तुम्हें हमें एक शेर मांस देना होगा अपने शरीर का इस तरह शाम भी हो गई तभी धनीराम उसके दरवाजे पर गया
और कहने लगा अब अपने शर्त के अनुसार मुझे एक शेर अपना मांस दो तभी नेकी राम ने कहा थोड़ा समय मुझे दे दो लग रहा है कुछ तो परेशानी है मेरा दोस्त लौट के नहीं आया उसने कहा बिल्कुल नहीं मैं तुम्हें समय नहीं दे सकता तभी वहां से बीरबल की कुछ सैनिक वहां से गुजर रहे थे और इस बात को सुना और कहा कि अगर जो यह कह रहा है नेकी राम की कुछ समय चाहिए इसे तो इसे कुछ समय दे दो लेकिन धनीराम ने कहा बिल्कुल नहीं
सर्च के मुताबिक मैं इसे समय नहीं दूंगा तभी अकबर के सैनिक ने उन दोनों को लेकर महल चले गए और बोले तुम्हारा फैसला कल सुबह होगा सुबह होते ही अकबर को सारी बातें बताई गई तभी अकबर ने कहा बीरबल अब तुम ही इस मामले को सुलझाओ तभी अचानक नेकीराम का दोस्त वहां पर आ पहुंचा और वह पूरे पैसे भी लेकर आया था तभी अकबर ने कहा अब तुम अपनी पैसे ले लो धनीराम तभी धनीराम ने कहा नहीं सच के अनुसार मुझे अब पैसे नहीं चाहिए मुझे इनके शरीर से एक शेर मांस चाहिए तभी अकबर ने कहा तुम कितने डेट बन रहे हो 1 दिन की ही तो देरी हुई है