akbar birbal story in hindi
अकबर ने अपने साले से कहा कि मैंने तुम्हें जो डाकू को भेजा था पकड़ने के लिए उसे तुम इतनी जल्दी पकड़ कर ले कर चले आए मैं इससे तुम पर बहुत प्रसन्न हूं तुम जल्दी से जल्दी उस डाकू को हमारे सामने पेश करो तभी अकबर के साले ने कहा कि महाराज मैं उस डाकू को पकड़ कर ले कर आ ही रहा था akbar birbal story in hindi
कि नदी के पास अचानक से वह डाकू गायब हो गया और उसे मैं बहुत ढूंढने की कोशिश किया लेकिन वह मुझे नहीं मिला यह बात सुनकर अकबर को बहुत गुस्सा आया अकबर ने कहा कि जितनी जल्दी हो सके तुम मेरे दरबार को छोड़कर यहां से चले जाओ मैं तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखना चाहता हूं akbar birbal story in hindi
और यह बात कहकर अकबर अपनी रानी से मिलने चले गए और रानी से जाकर पूरी बात बताएं कि तुम्हारा भाई कोई एक काम दिया था वह भी काम ठीक से नहीं कर पाया इसके वजह से मैं उसे अपने दरबार से बाहर निकाल दिया हूं तभी रानी ने कहा महाराज मेरा भाई है उसे एक और चांस दे दीजिए शायद वो इस बार पकड़ कर ले कर चला है akbar birbal story in hindi
डाकू को तभी अकबर क्रोधित हो गए और बोले कि तुम भी मेरे दरबार को छोड़ कर जा सकती हो जो मेरा बात नहीं मानेगा उसे मेरे दरबार में रहने की कोई जरूरत नहीं है और यह कहकर अकबर वहां से चले गए तभी अकबर के साले वहां पर आए अपने दीदी को रोता हुआ देखकर पूछने लगे कि दीदी क्या बात है क्यों रो रही हो तभी रानी अपनी सारी बात बताई और बोली कि तुम्हारे साथ साथ मुझे भीअभी दरबार से बाहर जाना होगा akbar birbal story in hindi
तभी अकबर का साला बोला क्यों ना हम लोग बीरबल से सहायता लिया जाए शायद वह हमारी कोई मदद कर सकता है क्योंकि वह बहुत ही दिमाग वाला है रानी ने कहा ठीक है उसे बुलाते हैं और बीरबल को वहां पर बुलाया और बीरबल को सारी बात बताइए बीरबल सारा बात सुनने के बाद उसने कान में जाकर रानी के कुछ बोला अब बोल कर वहां से चला गया तभी रानी ने अपने प्रजा को भेजकर महाराज को कहा मैं आखरी बार चाहती हूं
आपके साथ बैठकर खाना खाना यह बात सुनकर अकबर बोले ठीक है मैं तुम्हारे साथ खाना खाने के लिए तैयार हूं और उसके साथ खाना खाने बैठ गए तभी महारानी ने जूस दिया उन्हें पीने के लिए और वह जूस पीते ही सो गए और उन्हें लेकर अपने पिता के घर चली आए तभी अचानक अकबर को हो जाता है और वह देखते हैं कि अपने महल में नहीं हैं तो इस बात से बहुत ही क्रोधित होते हैं और कहने लगते हैं कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि तुम मुझे अपने पिताजी के घर पर लेकर आई हो
और मुझे कौन लाया है यहां पर तभी महारानी ने कहा कि मुझे जिस समय आप दरबार से बाहर जाने के लिए बोले थे आप उसी समय कुछ और बातें भी बोले थे आप ने यह कहा था कि जो भी तुम्हारी कीमती चीज है उसे तुम ले जा सकती हो तुम मेरे लिए कीमती आप है इसलिए मैं आप को ही लेकर चली जाए यह बात सुनकर अकबर बहुत खुश हुए और बोले सच सच बताओ यह दिमाग तुम्हारा नहीं है यह किसी और ने तुम्हें बातें बताइए तभी रानी ने कहा जी महाराज यह बात बीरबल ने मुझे बताई थी
कभी हंसते हुए अकबर ने कहा कि बीरबल वास्तव में बहुत दिमाग दार है और वह अपने दरबार लौट आए उसके बाद उनके साले साहब भी उस दरबार में आ पहुंचे तभी अकबर देख कर बहुत क्रोधित हुए और बोले मैंने तुम्हें इस महल से जाने के लिए कहा था और तुम अभी तक यहीं हो तभी अकबर के साले ने कहा महाराज मैं उस डाकू को पकड़ लाया हूं बीरबल के मदद से बीरबल को मैंने सारी बात बताई तो बीरबल ने कहा कि यह बताओ कि जिस समय डाकू गायब हुआ उस समय वहां पर कौन था
तो मैंने बीरबल को वह सारी बातें बताई और बताया कि जिस समय वहां से डाकू गायब हुआ उस समय वहां पर एक साधु था बीरबल ने कहा डाकू कोई और नहीं बल्कि वह साधु ही है और उस साधु को खोजने के लिए मैं निकल पड़ा और वह साधु अचानक मुझे मिल ही गया जब उसके पैसे दाढ़ी और मूंछ हटाई गई तो डाकू ही निकला तो यह हमारा जो डाकू इस तरीके से अकबर बहुत खुश हुए और बोले कि वास्तव में बीरबल बहुत ही दिमाग का है तो कैसी लगी कहानी दोस्तों कमेंट करके हमें जरूर बताइएगा धन्यवाद