aalsi kisan any story in hindi

aalsi kisan any story in hindi

राजस्थान में एक खुशहाल गांव था रायपुर यहां सभी लोग मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन व्यतीत करते थे शिवाय एक किसान के वह बड़े आलसी थे उसका नाम था रूपा रूपा की बहुत बड़ी जमीन पुश्तैनी थी और काफी उपजाऊ भी था पर वहां कुछ भी उपजता नहीं क्योंकि रूपा कुछ भी उसमें बोलता ही नहीं रोजो खेत के लिए जरूर निकलता पर खेत जाकर सो जाता रूपा का घर की स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती ही जा रही थी अब रूपा की पत्नी लीला को घर संभालना बहुत ही मुश्किल हो रहा था aalsi kisan any story in hindi

क्योंकि घर का सारा धन समाप्त होने के कगार पर था एक दिन लीला ने निर्णय कर लिया कि अब रूपा के साथ हो खुद खेत जाएगी अगले दिन सुबह सुबह रूपा खेत के लिए निकल ही रहा था की लीला वहां पहुंच गई आज से मैं भी आपके साथ खेत चलूंगी रूपा आप समझ गया कि उसकी चोरी पकड़ी जाएगी और वह दोनों चल दिए दोनों खेत पहुंचे तो लीला खाली खेत देखकर परेशान हो गई लीला को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर में रूपा दिनभर खेत में करता क्या है aalsi kisan any story in hindi

उसने रूपा के तरफ गुस्से में देखा फिर यहां वहां देखने लगे अब शायद रूपा को ही मेहनत करना सिखाना पड़ेगा और उसने रूपा के हाथ में एक कुदाल दिए और खेत की तरफ इशारा किया रूपा कुदाल चलाता और लीला बीज बोती है शाम होने तक वह दोनों मेहनत करते हैं अगले दिन यही सिलसिला चल रहा था तभी वहां एक ऋषि मुनि पहुंचे ऋषि मुनि को देखकर लीला वहां पानी लेकर आई और रूपा ने खाने के लिए वहां पर चटनी रोटी पड़ोसी यह सेवा संस्कार से खुश होकर ऋषि मुनि बोले मैं तुम दोनों के सेवा से बहुत ही खुश हूं मांगो क्या मांगना चाहते हो लीला रूपा की तरफ देखने लगे तभी रूपा को कुछ सूझा अगर आप हमें कुछ देना ही चाहते हैं हमारी सहायता कीजिए

1 सहायक दीजिए जो हमारे सारे काम कर दे लीला इस बात को सुनकर थोड़ा नाखुश के नजर आई फिर भी चुप रहे ऋषि मुनि हंसते-हंसते बोले ठीक है अगर तुम दोनों यही चाहते हो यही सही पर याद रहे तुम्हारे पास इतना काम होना चाहिए यह सहायक हमेशा व्यस्त रहे तभी रूपा बोली हां हां हमारे पास बहुत काम है अगर आप हमें सहायक दे दे तभी ऋषि मुनि ने जैसे ही कमंडल से जल फेंका तभी एक विशाल राक्षस प्रगट हो गया और तभी कहने लगा मुझे काम दो मेरे आका वरना मैं aalsi kisan any story in hindi

तुम्हें खा जाऊंगा तभी रूपा और लीला थोड़ी डर जाते हैं और तभी रूपा कहता है यह सारा खेत वह दो बीज उस बोरी में हैं और तभी ऋषि मुनि कहता है अच्छा अब मैं चलता हूं और याद रहे इसे हमेशा व्यस्त रखना यह कहकर ऋषि मुनि वहां से चले जाते हैं अभी ऋषि मुनि को निकले हुए वहां से कुछ ही मिनट हुए थे तभी राक्षस फिर से आकर कहने लगा खेत बोल दिया हूं और मुझे काम दो वरना मैं तुम्हें मार कर खा जाऊंगा तभी रूपा ने बोला इतनी जल्दी काम खत्म कर लिया अब दूसरा कौन सा काम दूं अब यह काम करो और वहां कुआं खोदने का काम अधूरा है उसे पूरा कर दो राक्षस वहां से गायब हो जाता है

तभी लीला कहती है यह आपने क्या बोला मांग ली यह तो आप को खा लेने की बात करता है तभी रूपा बोलता है अब तो मुझे भी डर लगता है कहीं यह राक्षस मुझे सच में ना खा ले यह इतनी जल्दी जल्दी काम खत्म करके लौट आता है और फिर मुझे खाने की बात करता है इससे अच्छा तो मैं खुद ही मेहनत कर लेता हूं अचानक लीला को एक Idea सूझा और वह राक्षस की लौटने की राह देखने लगे और जैसे ही राक्षस वहां लौटा इससे पहले कि वह बोलता लीला बोली हमारे गांव के बाहर एक कुत्ता बंदा है

मोती और जाकर वहां उसकी पूंछ सीधी करो और राक्षस वहां से गायब हो गया सुबह से शाम हो गई राक्षस अभी तक लौटा नहीं तभी रूपा ने कहा कि अब तो राक्षस ने मोदी का पूंछ सीधा कर लिया होगा ना तभी लीला हंसते हुए कहीं मेरे भोले भाले स्वामी मैंने उसे कभी खत्म ना होने वाला काम दिया है और आज से आप मन लगाकर काम करिएगा वरना फिर से यह राक्षस आपको खाने के लिए आ जाएगा राकेश समझदारी से रूपा की जान बच गई और उसे यह भी समझ में आ गया आलस बुरी बला है जान बची तो लाखों पाए लौट के बुद्धू घर को आए तो दोस्तों कैसी लगी कहानी कमेंट करके जरूर बताइएगा धन्यवाद

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