चलाक चोर Hindi Kids Story
एक समय की बात है एक जंगल में दो लोमड़ी या रहते थे लाली और रानी था उनका नाम वह हमेशा है साथ ही रहते थे दोनों बहुत ही होशियार और चतुर्थी जिनका उनको बहुत घमंड था जंगल में ज्यादातर जानवर उन लोगों से दूर रहना पसंद करते थे एक दिन अचानक जंगल में से खरगोश के दो बच्चे चोरी हो जाते हैं जिसके कारण से जंगल के सारे जानवर एक जगह इकट्ठा होते हैं इस चीज पर चर्चा करते हैं कि आखिर में चोरी किसने की होगी यह चर्चा सभी के बीच जो चली रही थी कि तभी वह दोनों लोमड़ी आती है और कहते हैं क्या हुआ तुम सभी को आज यहां ऐसे झुंड बनाकर क्यों खड़े हो मुझे लगता है कि जंगल में कोई बहुत बड़ा तूफान आया होगा तभी यह सब डरपोक इकट्ठा होकर यहां खड़े हैं
भीड़ में खड़ा एक हिरण बोलता है तुम दोनों हमेशा सभी का बुरा ही क्यों सोचती हो वहीं पर खड़ा भालू भी बोलता है हां क्या मजा आता है तुम लोगों को दूसरों को परेशान कर रहे हैं बताना जरा तभी लाली बोलती है हम दोनों तुम सब से बहुत ही ज्यादा चलाक है तुम लोग हमारी बराबरी नहीं कर सकते हो और दोनों लंबिया वहां से चली जाती हैं उनके जाने के बाद वहां से सभी जानवर भी चले जाते हैं इस तरह जंगल में चोरी का सिलसिला रोज का हो जाता है जंगल में सभी का खाने-पीने की सामान चोरी होने लगती है और परेशान होकर अपने जंगल के राजा बब्बर शेर के पास जाते हैं अजिंक्य जो जो चीज चोरी हुए थे उनके बारे में बब्बर शेर को बताने लगे शेर शायरी बातों को सुनकर बोलता है क्या तुम लोग में से कोई चोर को देखा है सभी मिलकर बोलते हैं
नहीं महाराज किसी ने नहीं देखा है तभी शेर बोलता है इसके मतलब बहुत चालाक है वह और अपना काम बहुत होशियारी से करता है ताकि उसे कोई पकड़ भी ना पाए शेर की यह बातें सोच कर सभी जानवर सोचने लगते हैं हम लोगों के बीच ऐसा कौन हो सकता है कौन कर सकता है ऐसा तभी सोचते हुए हिरण बोलता है यह चोरी बंदर ने की होगी क्योंकि वह पहले भी चोरी करके केले खाता था तभी शेर बोलता है नहीं मुझे ऐसा नहीं लगता बंदर तो सिर्फ केले खाता है इसीलिए और सियार का मांस क्यों चलाएगा शेर की यह बात सुनकर सियार बोलता है तो फिर कौन हो सकता है यही सोचते हुए सभी जानवर घबराकर बोलते हैं जंगल में ऐसी ही चोरियां होती रहेंगे तो क्या हमें अपना खाना भी छुपा कर रखना होगा इस पर बब्बर शेर बोलता है
नहीं अब ऐसा नहीं होगा अब उस चोर को पकड़ने के लिए मैं रात को जंगल में पहरा दूंगा जिससे वह चोर जल्द में पकड़ में आ जाए शेर के यह बात बोलने पर जंगल के सारे जानवर खुश हो जाते हैं यह सोचकर सुकून के साथ अपने अपने घर चले आते हैं रात होते ही बब्बर शेर के भरोसे पर सभी जानवर अपने-अपने घर जाकर सो जाते हैं और शेर जंगल की पहल गद्दारी करने के लिए रात को निकल जाता है आधी रात हो जाती है लेकिन शेर को कोई नजर नहीं आता कभी सोचता है कि लगता है चोर मेरे डर से भाग गया है चलो अब मैं भी जा कर आराम कर लेता हूं शेर यह सोच कर वहां से चला जाता है शेर को वापस जाते हुए वह चोर देख लेता है कुछ समय बाद शेर सो जाता है चोर बब्बर शेर के घर में घुसता है उसके खाने का मांस का टुकड़ा चुरा लेता है अगले दिन सुबह जब शेर उठता है खाने के लिए अपने मांस का टुकड़ा ढूंढता है मांस का टुकड़ा वहां पर नहीं है जिस पर शेर बहुत गुस्सा होता है और सभी जानवरों को बुलाकर पूछता है कौन है
वह चोर जिसने मेरी खाना चुराने की हिम्मत की चुपचाप सामने आ जाओ वरना मैं किसी को भी नहीं छोडूंगा तभी खरगोश बोलता है महाराज आपका तो खाना चोरी हुआ है मेरे तो 2 बच्चे चोरी हो गए हैं जिनका इतने दिन से कुछ भी पता नहीं है खरगोश के बाद सियार भी बोलता है महाराज रात को तो जंगल में आप ही पहरा दे रहे थे तो आपको पता ही होगा कि वह चोर कौन है सियार की यह बात सुनकर शेर बोलता है मुझे नहीं पता कि वह चोर कौन है क्योंकि मैं जब रात को जंगल में पहरा दे रहा था वहां कोई भी नहीं आया इसलिए मैं आधी रात के बाद घर वापस चला गया शेर की यह बात सुनकर सभी जानवर एक दूसरे की तरफ हैरानी के साथ देखने लगते हैं तभी बब्बर शेर फिर से गुस्से में बोलता है वह चोर जो भी है मेरा खाना चुरा कर अच्छा नहीं किया है
अब उसको उसकी सजा जरूर मिलेगी बब्बर शेर के बोल कर वहां से चला जाता है और सभी जानवर भी वहां से चले जाते हैं वहीं पर खड़ी हो दो लोमड़ी आ सभी बातें सुन रही होती हैं और आपस में बात कर रही होती हैं कि यह बब्बर शेर तो बहुत गुस्से में लग रहा था अब वह पक्का उस चोर को पकड़ने की कोशिश करेगा तभी दूसरी लोमड़ी बोलती है हां बिल्कुल तुम सही कह रही हो बब्बर शेर का खाना चुरा कर उन लोगों ने अच्छा नहीं किया है अबे चोर शेर के हाथ लग गया तो आप महाराज आएगा यह बात सोच कर दोनों लोग बढ़िया एक दूसरे को डर-डर कर देखती हैं और वहां से चली जाती है वही बब्बर शेर गुस्से में होता है और सोचता है अब उस चोर को तो पकड़ना ही होगा यह पूरे जंगल के सामने मेरी इज्जत का सवाल हो गया है यह सोच कर शेर जंगल में निकल जाता है और हर तरफ यह खबर फैला देता है कि शेर आज ही उसने एक बकरी का शिकार किया है और यह ताजा मांस आज के रात के खाने में खाएगा यह खबर पहुंचते-पहुंचते उसको लोमड़ियों तक भी पहुंच जाती है
जो सोच कर उन दोनों नंबरों की आंख चमक जाते हैं वह दोनों बोलती हैं वह ताजा बकरी का मांस लेकिन यह बब्बर शेर की कोई चाल भी तो हो सकती है लेकिन सच हुआ तो ताजा मांस भी तो मिलेगा यह बात सुनकर रात में चुपके से बब्बर शेर की तरह घर में वह दोनों लोमड़ी या चल पड़ती हैं थोड़ी देर बाद शेर की गुफा के सामने वह सारे जानवर इकट्ठा होते हैं तभी शेर बोलता है मैं उस चोर को बकरे के मांस के झूठी कहानी बनाई थी अब वह चोर मेरे जाल में फंस चुका है आखिर वह चोर आज पकड़ा ही गया शेर के यह बात सुनकर सभी जानवर बहुत खुश होते हैं तभी और लोमड़ी दोनों बढ़िया वहां भी पहुंच जाती हैं शेर उन दोनों को देख कर बड़ी हैरान होता है और बोलता है तुम दोनों यहां हो तो फिर इस गुफा में कौन है यह बात सोचकर शेर हराने के साथ अपने गुफा में देखने लगता है तभी वह चोर गुफा से बाहर निकल कर आता है जैसे ही वह बाहर आता है सभी जानवर उसे देखकर हैरान हो जाते हैं क्योंकि वह सियार था उसे देखकर बब्बर शेर गुस्से में बोलता है मुझे अभी तक लगता था कि यह दोनों लोमड़ी या चोर हैं क्योंकि यह दोनों बहुत शातिर हैं लेकिन सियार तू तुम तो इनसे भी चाहते निकले तुम्हें इन किए की सजा जरूर मिलेगी यह बोलकर शेर सियार पर टूट पड़ता है और उसे मार डालता है इसीलिए दोस्तों कहते हैं कि जो चीज हमें हर वक्त देखता है जरूरी नहीं है कि वह चीज मिलेगी भी धन्यवाद