Panchatantra short stories in Hindi with moral
Panchatantra short stories in Hindi with moral – काफी time पहले की बात है एक village में एक मजदूर रहा करता था वह daily मजदूरी करके अपने परिवार तथा अपना भरण-पोषण किया करता था उसकी एक doughter और एक son था लेकिन पैसा न होने की वजह से वह उन्हें school नहीं भेज पाता था पास ही में एक दूसरा farmer भी था जिसके पास अमरूदों का बागान था लेकिन वह काफी old था जिसकी वजह से वह अमरूदों को बेच नहीं पाता था
जिसके कारण उसके अमरुद बागान में ही गिर कर सड़ जाते थे one day वह बूढ़ा व्यक्ति मजदूर के घर के सामने से गुजर रहा था तो उनके बच्चों की रोने की आवाज सुनकर के वह उसके home गया लेकिन वह घर पर नहीं था कहीं मजदूरी करने के लिए गया हुआ था लेकिन उसकी wife घर पर थी उस old किसान ने उस मजदूर की wife से पूछा कि बच्चे क्यों रो रहे हैं
मजदूर की wife ने कहा कि कई दिनों से भरपेट food नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से ये सब रो रहे हैं उसकी इस बात को सुनकर के उस old किसान ने कहा मेरा अमरूदों का बागान है अगर तुम और तुम्हारा husband चाहे तो तुम लोग मेरे अमरूदों को तोड़कर के market में बेच सकते हो उसके जो भी money बनेंगे उसे आधा-आधा कर लेंगे और तुम जितना अमरूद खाना चाहो और अपने kids को खिलाना चाहो खिला सकते हो उसके लिए कोई भी पाबंदी नहीं होगी
इतना कहकर old किसान चला गया शाम को जब मजदूर घर पर आया तो उसकी wife ने सारी बात बताई अगले दिन से मजदूर अमरूद तोड़कर sold लगा और धीरे-धीरे उनकी आमदनी बढ़ती गई और मजदूर अपने लिए ठीक-ठाक home बनवा लिया और अपने बच्चों को school भेजने लगा क्योंकि अब उसके पास अच्छे खासे money आने लगे एक दिन मजदूर ने सोचा कि सारा काम तो मैं ही करता हूं अमरूद मेरी wife तोड़ती है और मैं उन्हें में ले जाकर बेचता हूं फिर मैं इस old किसान को आधा पैसा क्यों दू
यह सोचते – सोचते वह उस farmer के पास गया और उसने यह सारी बात उस किसान से कह डाला किसान ने बोला देखो मुझे तो आधे money चाहिए ही चाहिए क्योंकि मैंने अमरूद के पेड़ो को लगाया है और उसे पानी देकर के खाद दे कर के उसे बड़ा किया है इसलिए मैं आधे money तो लूंगा ही उसकी इस बात को सुनकर मजदूर ने बोला कि रहने दो मैं तुम्हारा अमरुद नहीं sold मैं कहीं और से खरीदकर अमरूद बेच लूंगा और इतना काकर वह चला गया
अगले दिन जब मजदूर दूसरी बागान से अमरूद खरीदा और sold करने के लिए ले गया तो उसे मुनाफा बहुत ही कम हुआ क्योंकि अमरुद बहुत ही महंगा मिल रहा था और उसे बेचने पर ज्यादा profit नहीं हो पा रहा था धीरे-धीरे मजदूर अब अपनी पुरानी हालत पर आने लगा और फिर से वही old स्थिति शुरू हो गई और उसके बच्चे hungry रहने लगे अतः अंत मे वह उस old किसान के पास गया और उससे माफी मांगा वह बूढ़ा किसान बहुत ही अच्छा था इसलिए उसने उसे forgive कर दिया
इसलिए कहते हैं बिना thinking किये लालच में कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए अन्यथा अंत में पछताना पड़ सकता है