Navratri Dashahara in Hindi शैलपुत्री माँ दुर्गा का प्रथम रूप

Navratri Dashahara in Hindi शैलपुत्री माँ दुर्गा का प्रथम रूप

Navratri Dashahara in Hindi – आइए दोस्तों हम लोग जानते हैं अपने भारत के विशेष पर्व दशहरा के बारे में इसमें हम किस प्रकार और कितनी देवियों की पूजा करते हैं और कौन सी देवी मां का व्रत किस दिन रहा जाता है इन सब चीजों के बारे में हम लोग विस्तार रूप में जानेंगे तो आइए शुरू करते हैं

मां दुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री माता का है शैलपुत्री माता का नाम शैलपुत्री पढ़ने के पीछे यह रीजन है की मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं तथा पर्वत को हम लोग शैल भी बोलते हैं जिसकी वजह से माता का नाम शैलपुत्री पड़ा Navratri Dashahara in Hindi

भगवती के पहले स्वरूप में शास्त्रों में शैलपुत्री माता का नाम दिया गया है शैलपुत्री माता सती माता पर्वती की रूप हैं जब माता सती के पिता प्रजापति दक्ष ने एक बहुत ही विशाल यज्ञ करवाना प्रारंभ किया तो उस समय उन्होंने सभी देवी देवताओं और अपने सभी सगे संबंधियों को निमंत्रण दिया था किंतु माता पार्वती को अर्थात सती माता को निमंत्रण नहीं दिया था Navratri Dashahara in Hindi

जब माता सती को पता हुआ तो उन्होंने भोले शंकर से वहां जाने की इच्छा व्यक्त की शंकर भगवान ने बोला कि वहां से कोई निमंत्रण नहीं आया है इसलिए वहां जाना उचित नहीं होगा लेकिन माता सती इस बात को नहीं मानी और उन्होंने बोला कि हो सकता है कि वह इतने बड़े कार्य को करते करते कहीं भूल गए हो जिसकी वजह से उन्होंने मुझे निमंत्रण नहीं भेजा है अर्थात मैं वहां जाऊंगी और वह प्रजापति दक्ष के घर अर्थात अपने मायके चली गई Navratri Dashahara in Hindi

वहां जाने के बाद उनके सगे संबंधियों ने किसी ने भी उनका सही तरीके से अभिवादन नहीं किया सभी ने उनका तिरस्कार किया और उनके पति भोले शंकर का भी तिरस्कार किया जिसकी वजह से उन्हें काफी गलानी हुई और उन्होंने अपने पति के बारे में अपशब्द और तिरस्कार को सुनने के बाद योग अग्नि में प्रवेश करके अपने आप को भस्म कर दिया Navratri Dashahara in Hindi

जब यह समाचार भगवान शंकर को चला तो उन्होंने अपने गणों को भेजकर के प्रजापति दक्ष के पूरे यज्ञ को विध्वंस करवा दिया जब सती माता का दूसरा जन्म हुआ तो वह हिमालय राज्य पर्वत अर्थात शैल राज्य हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ तब से उन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है इस जन्म में भी वह भगवान शिव शंकर की अर्धांगिनी बनी Navratri Dashahara in Hindi

मां शैलपुत्री को सफलता प्राप्त दिलाने वाला और ऊंचे शिखर पर पहुंचाने वाला माना जाता है मां शैलपुत्री की पूजा करने से मन में जो शंका डर और वह रहता है सफलता प्राप्त करने के प्रति वह डर भय मन से पूरी तरह से नष्ट हो जाता है और उपासक को ऊंचा शिखर अर्थात उपलब्धि प्राप्त होती है ऊंचे शिखर और सफलता प्राप्त करने के लिए मां शैलपुत्री का उपवास रहा जाता है Navratri Dashahara in Hindi

इन्हें भी जरुर पढ़े –

कुछ अन्य प्रेरणादायक कहानिया जो आपको जरुर पढ़ना चाहिए –

 कुछ टेक्नोलॉजी से जुडी जानकारिया जैसे Call Details –

कुछ स्वास्थ्य से जुडी जानकारिया –

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!