inspirational moral stories in hindi | बेचारा चूहा

inspirational moral stories in hindi बेचारा चूहा

एक बार की बात है एक नदी के किनारे एक मेमने को एक नाम मिलती है वह सोचती है मैं इस नाव में बैठकर नदी के उस पार घूमने जा सकती हूं लेकिन नाव की स्थिति थोड़ी खराब रहती है वह सोचती है कि कहीं यह नाव टूटेगा तो नहीं लेकिन फिर सोचती है कि यह नाव बेचारा मेरे चढ़ने से केवल नहीं टूटेगा और यह सोचकर नाव पर कूद कर बैठ जाती है inspirational moral stories in hindi

तब तक तो ना सही रहता है तभी अचानक वहां पर गधा आता है और कहता है मैम ना तुम क्या नदी के उस पार घूमने जा रही हूं मैं अपना बोलती है हां मैं आज उस पार नदी के जा रही हूं घूमने गधा बोलता है क्या मैं भी तुम्हारे साथ चल सकता हूं मैं अपना बोलती है ना हो कमजोर है टूट जाएगी गधा बोलता है अब बस भी करो नहीं ले जाने का मन है inspirational moral stories in hindi

तो सीधा सीधा बोल दो तभी मेमना बोलती है ठीक है बैठ जाओ तभी गधा उस पर खुद कर बैठता है और नाव में करेगा जाती है लेकिन फिर भी ना चलने की स्थिति में रहती है तभी अचानक वहां पर दौड़े दौड़े चूहा ता है और कहता है क्या मैं भी आप लोगों के साथ नदी के उस पार घूमने चल सकता हूं गधा बोलता है

बिल्कुल नहीं इस नाव पर पहले से ही जगह नहीं है और यह ना पहले से ही सड़ी हुई है तुम बैठोगे तो यह ना भी टूट जाएगी चूहा बोलता है अब बस भी करो मेरे भला बैठने से यह नाम कैसे टूट जाएगी मैं तो बहुत ही छोटा और हल्का हूं तभी मैं अपना बोलती है ठीक है आ जाओ तभी अचानक जैसे ही चूहा बैठता है नाव टूट जाती है

और मेमना और गधा और चूहा पानी में तैरते हुए बाहर निकलते हैं तभी गधा बोलता है यह नाव सिर्फ चूहे की वजह से टूटी है अगर जो चूहा नहीं होता तो यह नाव नहीं टूटी होतीनहीं टूटी होती है तभी चूहा बोलता है वाह रे मैं छोटा हूं तो सारा इल्जाम मेरे ऊपर ना तुम दोनों के बैठने से टूटी है हम तो हजारों बैठ जाते फिर भी नहीं टूटती तो दोस्तों आप हमें कमेंट करके बताइएगा कि नाव किसके वजह से टूटी मैंने की वजह से या गधे के वजह से या चूहे है के वजह से धन्यवाद

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